ग्राम रोजगार सेवकों की हड़ताल दूसरे दिन में, पंचायतों का काम हुआ प्रभावित

मंडी(बीरबल शर्मा)। अपनी मांगों को लेकर 26 मई से शुरू की गई हड़ताल शनिवार को दूसरे दिन भी जारी रही। ग्रामीण विकास विभाग में रिक्त पड़े पंचायत सचिवों के पदों पर नियमित करने, ग्राम रोजगार सेवकों को अधिसूचना के मुताबिक बढ़े हुए तीन वर्षों को बिना किसी वित्तीय लाभ के दैनिक भोगी के कार्यकाल में कम करने, पांच सालों से कम कार्यकाल वाले ग्राम रोजगार सेवकों का मानदेय हर साल एक हजार रुपए बढ़ाने आदि की मांगों को लेकर ग्राम रोजगार सेवक काम रोकों आंदोलन कर रहे हैं।
इस कारण से पंचायतों में काम का असर पड़ा है। यदि यह हड़ताल लंबी चलती है तो काम ठप भी हो सकता है। ग्राम रोजगार सेवक संघ जिला मंडी के प्रधान मंजुल ठाकुर ने बताया कि ग्राम रोजगार सेवक 2007 से पंचायती राज विभाग व ग्रामीण विकास विभाग में तीन से चार पंचातों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
इसमें में संपूर्ण मनरेगा कार्य, ग्राम सभा ड्यूटी, जनगणना ड्यूटी, जियो टैगिंग के अलावा अन्य तरह के कई कार्य उनसे करवाए जा रहे हैं। उक्त सभी कार्य करने के बावजूद भी 2007 से ग्राम रोजगार सेवकों को कभी समय पर मासिक वेतन नहीं दिया जा रहा है। जियो टैगिंग के लिए इंटरनेट पैक भी उन्हें अपनी ही जेब से खर्च करना पड़ रहा है। अपनी मांगों को कई बार वे सरकार के समक्ष रख चुके हैं।
11 मई को भी एक ज्ञापन सरकार को दिया था मगर सरकार ने इस पर कोई गौर नहीं किया। इस पर जब उन्हें अपने आंदोलन की तारीख तय करनी पड़ी तो सरकार धमकी देने पर उतर आई। काम से निकालने की धमकी सरकार द्वारा दी जा रही है। सरकार के इस रवैये से ग्राम रोजगार सेवक हताश व निराश हैं। ग्राम रोजगार सेवकों ने सपष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो यह बेमियादी हड़ताल जारी रहेगी।
There are no comments at the moment, do you want to add one?
Write a comment